तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 दिसंबर 2010
कोंग्रेस के स्थापना दिवस पर कोंग्रेस में कडवाहट
कल कोंग्रेस का १२५ वां स्थापना दिवस था , बुढापे के इस पढ़ाव पर कोंग्रेस के भावी प्रधानमन्त्री जी प्रणव मुखर्जी ने कोंग्रेस की एक पुस्तिका का बिना पढ़े विमोचन कर दिया ,द कोंग्रेस एंड द मेकिंग ऑफ़ इंडियन नेशन नाम से प्रकाशित इस किताब में लेखक जी ने कोंग्रेस की इन्द्रा जी को तानाशाह और संजय गाँधी को मनमानी करने वाला बताया हे , इस पुस्तक में कोंग्रेस के उतार चढ़ाव के वक्त को भी प्रस्तुत किया गया हे , अब आप देख लो कोंग्रेस के खिलाफ कोंग्रेस के लोग ही सच लिखने का साहस कर रहे हें अभी तक कोंग्रेस का इस किताब पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया हे जबकि लेखक ने भी इस प्रकाशन के लियें माफ़ी नहीं मांगी हे लेकिन यह तो सच हे के आज की कोंग्रेस और पुरानी कोंग्रेस में एक जमीन आसमान का नहीं बलके कई हजार जमीन आसमां की दूरियों का फासला हे और देश में कोंगेस कहां हें कोंग्रेस के सिद्धानत कहां हे लोगों को ढूंढे से भी नहीं मिल रहे हें कुर्सी की भूखी एक पार्टी जिसे कोंग्रेस की खाल फना दी हे लेकिन इससे यह पार्टी तो कोंग्रेस नहीं हो जाती इसके लियें पुराने सिद्धांतवादी कोंग्रेसियों को थोड़ी तो अंगडाई लेना ही होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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