जरा सोचो
रोज़ हम
एक दुसरे से
कहते हें
आई मिस यु
लेकिन
अल्लाह, भगवान को
हम लगातार मिस करते हें
जबकि
हमारी कब्र और शमशान
रोज़ हमारे लियें
कहते हे
आई मिस यु
इसलियें जरा सोचो
अपने जीवन में
आप रोज़
इश्वर के कितने संदेशों को
मिस करते हें
बस
हम फिर किसी को भी
मिस नहीं करेंगे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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