आपका-अख्तर खान

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30 दिसंबर 2010

एक कप चाय

में
एक कप चाय हूँ
जो आज कर
आधी यानी
देसी भाषा में
क्त में
बदल गयी हूँ
होटल पर
घरों पर
बातचीत का जरिया
में एक कप चाय
या फिर
हाफ कट ही हूँ
घरों में में
खाली चाय नहीं
लोगों का
अतिथि सत्कार हूँ
दोस्तों जब में हूँ
तो फिर बताओं
मुझे छोडकर
तुम क्यूँ
व्हिस्की शराब लेते हो
मेरी चुस्कियों में
जो प्यार हे
मेरे सत्कार में
जो अपना पर प्यार हे
वोह इन नशों में नहीं
बोलो क्या अब
आप
इस बुरी आदत को
आज से ही
छोड़ने को
तय्यार हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4 टिप्‍पणियां:

  1. पहली बात तो आप अकेले नहीं हैं.. दूसरी बात चाय पर आपके नज़रिये से मैं एकदम इत्तेफ़ाक रखता हूं.. चलिए कभी चाय की चुस्कियां हो जाएं...

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  2. क्‍या छोड़ने का संदेश है, व्हिस्‍की या चाय.

    जवाब देंहटाएं
  3. व्हिस्‍की या चाय दोनो ही खराब नही, अगर सही रुप मे इन का सेवन किया जाये तो

    जवाब देंहटाएं
  4. चलिए दिल्ली आइए औऱ नए साल की चाय हमारे साथ पीजिए। नए साल की मुबारकबाद भी आपको।

    जवाब देंहटाएं

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