एक मोलवी
खुद की शादी
की मन्नत मांगने
माँ बाप के साथ
दरगाह पर गया
भीड़ में
मुल्ला की मां
खो गयी
अपनी मां के गुमने पर
मुल्ला आसमान की तरफ
सर उठा कर चीख पढ़ा
ऐ अल्लाह
क्या कहता हुई
मेरी तो मिली नहीं
अब्बा की भी खो गयी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 दिसंबर 2010
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हा हा हा हा
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया अख्तर भाई ,
जवाब देंहटाएंकमाल कर दिया आपने ।
शानदार, मजेदार. वाह...
जवाब देंहटाएंनूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरी भी कहाँ गई ? 'टिप्पणी'
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