तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 दिसंबर 2010
मेरा जीवन कोरा कागज़ .....
राजस्थान में कोंग्रेस सरकार के दो वर्ष पुरे होने पर भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने टिप्पणी की हे के कोंग्रेस सरकार ने पुरे दो साल कुछ नहीं किया और हालत यह रही के कोंग्रेस का कार्यकाल एक कोरे कागज़ की तरह बन कर रह गया हे इस टिप्पणी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आपा खो बेठे और जवाब में तिलमिला कर उन्होंने भी वसुंधरा के निजी जीवन पर टिप्पणी दे मारी उन्होंने वसुंधरा के लियें कहा के वसुंधरा की जिंदगी , मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया की तर्ज़ पर रह गयी हे अब उनकी निजी पारिवारिक पति पत्नी के vइवाद मामले में यह टिप्पणी मर्यादित हे या नहीं राजनीति में काम काज और पार्टी नीतियों पर तो टिप्पणी होती हे लेकिन प्ररिवारिक मामलों को बीच में लेकर एक दुसरे का उपहास और मजाक उढ़ाया जाने लगेगा तो फिर तो राजनीती की कोई मर्यादा ही नहीं रह जायेगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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