दोस्तों देश में जिन बच्चों को पंडित जवाहर लाल नेहरु भगवान की तरह प्यार करते थे जिस नेहरु का बचपन को देश का भविष्य बनाने का सपना था आज उस नेहरु की पार्टी और परिवार द्वारा संचालित शासन में बच्चों के लियें कोई अहमियत नहीं बची हे , आज का बच्चा सडकों पर भिक मांग रहा हे , बाल मजदूरी कर रहा हे , नाच गा कर रुपया कम रहा हे , बूट पोलिश कर रहा हे,कुछ अपराध कर रहे हें तो कुछ बच्चे अस्पतालों में कुपोषण का शिकार होकर इलाज के आभाव में दम तोड़ रहे हें , कुछ बच्चे हें जो प्रतिभावान हें लेकिन इस देश के स्कूलों की मोती फ़ीस के कारण पढ़ नहीं पा रहे हें और बाक़ी बच्चों को आप रोज़ देखते हें अपने वजन से ज्यादा वजन का बस्ता लटकाए स्कूलों में जा रहे हें ।
यह देश का बचपन हे जिसे नेहरु अपने प्यार से खत्म करना चाहते थे आज इसे खत्म करने के लियें देश में इंडियन चिल्ड्रन एक्ट, चाइल्ड रेसत्रेन्न मेरिज एक्ट ,बाल मजदूरी निरोधक अधिनियम, बाल शिक्षा अधिनियम सहित अनेक कानून बनाये गये हें लेकिन देश में सब जानते हें कानून बनते हें और किताबों में बंद हो जाते हें इनकी पालना करवाने वाली सरकारें इन कानूनों को तोड़ने वालों से मोटे चुनावी चंदे की रकम और रिश्वत खाकर खामोश बेठ जाते हें आज हमारे देश में बाल आयोग हे लेकिन कहां हे क्या आपको पता हे राजस्थान और दुसरे राज्यों में बाल आयोग नाम की चीज़ नहीं हे क्या नेहरु की कोंग्रेस ने कभी संकल्प लिया के भीख मांगते बच्चे को ढूंढ़ कर खाना देंगे पढाई और दूसरी सुविधाएं देंगे क्या किसी बाल मजदूर को नेहरु के किसी वंशज ने कभी आज़ाद कराया क्या सडक पर बूंट पोलिश करते किसी बच्चे को उठाकर स्कुल में डाला क्या नेहरु के वंशजों द्वारा संचालित पार्टी की सरकारों में बच्चों को स्वर्ग सी सुविधाएं या उनके भविष्य को संवारने का माहोल मिला अगर नहीं तो फिर यह बाल दिवस का ढोंग क्यूँ ? भाइयों आप खुद ही बताइए जब देश का बचपन निरंतर सिसक रहा हो कानून बन कर भी पालना नहीं की जा रही हो तो फिर ऐसे बाल दिवस का क्या अब तो बाल शोषण दिवस बनाया जाना चाहिए क्या आप मेरी बात से सहमत हे अगर हाँ तो प्लीज़ मेरी बात दूर तलक पहुंचाएं देश के बचपन देश के भविष्य को इस ढकोसले से बचाएं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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