आपका-अख्तर खान

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19 नवंबर 2010

आतंकवाद ..............

इंसान कभी
आतंकवादी नहीं
हो सकता
और आतंकवादी
कभी इन्सान
नहीं हो सकता
सोचो
रौशनी में जीने वाले
चिरागों को
क्यूँ बुझाएंगे
जो मुर्दों तक को
नहीं जलाते
वोह
जिदों को क्यूँ जलाएंगे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. जो मुर्दों तक को
    नहीं जलाते
    वोह
    जिदों को क्यूँ जलाएंगे
    बहुत खूब जनाब. मज़ा आ गया

    जवाब देंहटाएं

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