कल जब देश मुंबई के शहीदों को श्रद्धांजली दे रहा था तब महाराष्ट्र के नव नियुक्त मुख्यमंत्री देश के राष्ट्र गान का अपमान कर जल्दबाजी में कहीं दूसरी जगह जाने की कोशिशों में थे उनके लियें राष्ट्रगान से ज्यादा दुसरे कामों की अहमियत थी लेकिन उनका यह अपराध वैधानिक रूप से अक्क्ष्मय हे जिस माफ नहीं किया जा सकता ।
देश में कोई भी व्यक्ति किसी भी राजकीय पद पर जब तक ही रह सकता हे तब तक वोह देश के कानून संविधान और विधान का रक्षक होता हे नियमों को तोड़ने वाले किसी भी अपराधी को किसी भी पद पर नहीं रखा जा सकता कल जो मुख्यमंत्री प्रथ्वी राज चव्हाण ने किया उसके वीडियों फुटेज होंगे जिन्हें आसानी से दुबारा देख कर चव्हान की राष्ट्र गान के प्रति उपेक्षा देखी जा सकती हे । बस अगर इसके बाद वोह दोषी हे तो राष्ट्रिय गोरव अपमान नियन्त्रण अधिनियम १९७२ के प्रावधानों के तहत वोह कठोर दंड के दोषी हें और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही होना चाहिए क्योंकि नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति देश के संविधान और राष्ट्र गान जन गन मन का अपमान नहीं कर सकता हे और ऐसा करने पर वोह अजमानतीय अपराध का दोषी हे कल चव्हाण ने रह्स्त्र गान के सम्मान से ज्यादा दुसरे कामों को अहमियत देकर ऐसा ही अपराध किया हे और शपथ अधिनियम के तहत ली गयी शपथ का उल्न्न्घन भी किया हे इसलियें उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही अम्ल में लायी जाना चाहिए ताकि भविष्य में राष्ट्र गान का अपमान करने की कोई कल्पना भी नहीं कर सके लेकिन यहाँ तो कुर्सी के भूखे हें उनके लियें देश विधान से बढकर कुर्सी हे फिर भी देखते हें इस मामले में गांधी और नेहरु की कोंग्रेस क्या निर्णय लेती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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