आपका-अख्तर खान

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06 नवंबर 2010

बदकिस्मती देखो

मेरी
बदकिस्मती
तो देखो
दिल की आरजू
जो कहने के लियें
मुझे
इन्तिज़ार था उनका
वोह आये
और चले गये
लेकिन
दिल की बात
बस दिल में ही
घुट कर रह गयी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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