एक शख्स हे
जो आज भी
तुमसे मिलने को
तरसता हे
लेकिन
यह
कुदरत हे
वोह जब भी
मिलने
तुमसे निकलता हे
पानी बहुत तेज़
बरसता हे
बिजलिया चमकती हें
आसमां गरजता हे
बस फिर वोह
कमजोर शख्स
पानी के डर से
रुकता हे
और फिर
वोह तुमसे
मिलने
के लियें
तरसता हे।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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