आपका-अख्तर खान

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06 नवंबर 2010

अमन वफा

कुछ यूँ चले
मेरे इस देश में
अमन और वफा की
ताज़ा हवा
शाम और सहर ,
लहरायें फसले
खशीयों की
बिखरे हवाएं
प्यार मोहब्बत अपनेपन की
मेरे इस
देश का इतिहास
बयाना करें
आएज और कल
कुछ ऐसा हो
के लोग यहाँ के
बस खुश ही खुश रहें
शाम और सहर ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. आपको एवं आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें!

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