आपका-अख्तर खान

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20 नवंबर 2010

उम्मीद क्या हे ..

यूँ
तेरे प्यार की
उम्मीद
थकी थकी सी
अब बुझी
जाती हे
देख
तेरे
इन्तिज़ार में
अब तो सुबह
हुई जाती हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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