यूँ
तेरे प्यार की
उम्मीद
थकी थकी सी
अब बुझी
जाती हे
देख
तेरे
इन्तिज़ार में
अब तो सुबह
हुई जाती हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 नवंबर 2010
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bahu khoob bhai
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