आपका-अख्तर खान

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18 नवंबर 2010

हुस्न पर इतना गुरुर ना कर

ऐ हसीना
अपने इस
हुस्न पर
तू इतना
गुरुर ना कर
देख सामने देख
चेहरे पर झुर्रियां लियें
अलग थलग
जो बूड़ी माई बेठी हे
उसे भी
हुस्न पर
तुझ सा
गुरुर था।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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