कल तक
हिंग,चिलगोजे के यह सोदागर
गाँव गाँव
घूमते थे केसे केसे
कोई कहता था
यह तो
अफगानी हे
कोई कहता था
यह तो अरबी हें
अब देख लो
राष्ट्र सेवा के नाम पर
गलियों मोहल्लों और गावों में
घूमते हे देश को लुटने वाले
यह नेता
सुख शांति के
सोदागर बन कर
केसे केसे ।?
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अक्तूबर 2010
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bahut achcha.
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