कोटा में नगर निगम के घोटालेबाज अधिकारीयों के खिलाफ जाँच साबित होने पर भी अब तक भ्रस्ताचार निरोधक विभाग ने मुकदमा दर्ज कर कोई कार्यवाही नहीं की हे निगम के यह अधिकारी इन दिनों सरकार के खासम खास हें ,
निगम के पिछले बोर्ड में महापोर मोहन लाला महावर ने निगम की सीमा में विज्ञापन बोर्ड लगाकर नियमों का उल्न्न्घं कर निगम को लग भग ४.५ करोड़ रूपये का घोटाला करने वाले अधिकारीयों के खिलाफ जाँच करवाई थी । जो जाँच अब पूरी हुई हे और जांच में भ्रस्ताचार निरोधक पुलिस ने कोटा के निगम आयुक्त सतीश बारुपाल और कई अधिकारीयों के खिलाफ ७५ लाख का घोटाला साबित माना हे ऐसे में इस घोटाले के साबित होने पर भी ना तो अधिकारी महोदय को हटाया गया हे न ही निलम्बित क्या गया हे और ना ही इन अधिकारी महोदय के खिलाफ आज तक कोई एफ आई आर ही दर्ज हुई हे यह पहला मामले हे जब साबित घोटाले में पुलिस को एफ आई आर दर्ज करने को लेकर सोचना पढ़ रहा हे । इतना ही नहीं पुलिस की हालत देखो पुलिस कानून की दुहाई देकर इस मामले में सरकार से अनुमति के बाद ही कोई कार्यवाही की बात कर रही हे , हे न मजेदार बाद हे न मजेदार भ्रस्ताचार निरोधक कानून के साबित भ्रस्ताचार के मामले में भी पुलिस चाहे जेसी कार्यवाही करने और सरकार भर्स्ट के खिलाफ अगर मुकदमा दर्ज करने की इजाजत नहीं दे तो भ्रष्ट अधिकारी को बचाने के पुरे साधन हें जय भ्रटाचार जय भ्रस्ताचार सांठ गाँठ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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