करवा चोथ पर
बहनों ,माताओं ,
भाभियों,साँसों ,ननदों
अपने अपने पति की पत्नियों
को हार्दिक बधाई ।
चाँद फिर
चाँद हो गया
कभी चंदा मामा
तो कभी
चाँद सा
मुखड़ा हो गया
चाँद फिर
चाँद हो गया
रोज़ निकलने वाला
यह चाँद
देखो आज
चोहद्वीं का
चाँद हो गया
देखो आज हे
करवा चोथ
बाद्ल में छुपकर
भूखा हमें
रख रहा हे
यह चाँद
आज केसे शेतान हो गया ,
पति की लम्बी उम्र
के लियें रखा गया हे
आज व्रत
अब देखो
यह चाँद
करवा चोथ का
चाँद हो गया
चाँद फिर चाँद हो गया ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 अक्तूबर 2010
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बहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है।
जवाब देंहटाएंवाह जी!
जवाब देंहटाएंवाह अख्तर भाई,
जवाब देंहटाएंचाँद फ़िर चाँद हो गया है, बहुत खूब।
चाँद पर अच्छी रचना के लिए बधाई |मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और प्रोत्साहित करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआशा