आज विश्व भर के मुसलमान अपने गुनाहों से तोबा और इबादत की बेशकीमती रात में रात भर खुदा से अपने गुनाहों की तोबा कर इबादत करेंगे शबे कद्र यानी इज्जत वाली रत और इसी रात को मुस्लिम धर्म की आयतें जिन्हें बाद में करान मजीद हुआ अवतरित हुआ था मुसलमान मुकम्मल मुसलमान हुआ था उसे खुदाई कानून और हुक्म के जरियेदुनियावी कायदे कानून और हुदा के हुक्म के बारे मन जानकारी हुई थी जिब्रील अलेहस्स्लाम ने इस मोके पर पूरा करान मजीद हुजुर सल्लाल लाहो अलेह व्स्ल्लल्म को सुनाया था , इबादत की इस रात को लोग अपने पूर्वजो को याद करने के लियें कब्रिस्तानों में जाकर दुआ मांगते हें और मस्जिद हो चाहे हो कब्रिस्तान या हो मजार वहां रौशनी लगा कर उस जगह को रोशन करते हें और इस मुकद्दस रात को पूरी रात इबादत करते हें ।
हमारे मुस्लिम कुछ नेताओं ने इस मुकद्दस रात को भी राजनीति से जोड़ दिया हे और राजनीति में लगे मोलवी मोलाना इस रात को किसी भी मजार या कब्रिस्तान में कोई ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर अख़बार वालों को बुलाकर फोटो खिचवाते हे और फिर इसकी राजनितिक खबरें बनवा कर उनके साथ कितने मुसलमान हें यह खबरे लेजाकर हाईकमान को बताते हें यह एक अफ्सोसो नाक पहलु हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 सितंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
...प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंयहाँ भी आइये : --
(आजकल तो मौत भी झूट बोलती है ...)
http://oshotheone.blogspot.कॉम
सही निशाना साधा आपने.
जवाब देंहटाएंsahi chintayen jaahir kiya hai aapne...badhiya lekh.
जवाब देंहटाएं