तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 सितंबर 2010
झूंठ कहते हो खुदा नहीं मिलता ...
झुंट कहते हो
के ढूंढने से
खुदा नहीं
मिलता ,
मिटा के
अपनी हस्ती को
जरा
उसकी तलाश
करके देख ,
फिर आकर
हमसे कहना
के खुदा
नहीं मिलता ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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खान साहिब!
जवाब देंहटाएंजहां खुद मिटे, खुदा मिला !
चैलंज़ जबर्दस्त है!
आत्मा का विलय ही परमात्मा की प्राप्ति है!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !!!
waah ! kya baat janaab ! sahi kaha !
जवाब देंहटाएंअरे उस कहावत का क्या हुआ ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाते हैं ।
जवाब देंहटाएंमेरा तो यही मानना है । सुंदर कविता .
वाह जनाब...
जवाब देंहटाएंख़ुदा का फोटू बगल में लगा दिये हो....
हमें तो मिल गया...आपके पास है ही.....