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18 सितंबर 2010

झूंठ कहते हो खुदा नहीं मिलता ...


झुंट कहते हो
के ढूंढने से
खुदा नहीं
मिलता ,
मिटा के
अपनी हस्ती को
जरा
उसकी तलाश
करके देख ,
फिर आकर
हमसे कहना
के खुदा
नहीं मिलता ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

5 टिप्‍पणियां:

  1. खान साहिब!
    जहां खुद मिटे, खुदा मिला !

    चैलंज़ जबर्दस्त है!

    जवाब देंहटाएं
  2. आत्मा का विलय ही परमात्मा की प्राप्ति है!
    सुन्दर रचना !!!

    जवाब देंहटाएं
  3. अरे उस कहावत का क्या हुआ ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाते हैं ।
    मेरा तो यही मानना है । सुंदर कविता .

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह जनाब...
    ख़ुदा का फोटू बगल में लगा दिये हो....
    हमें तो मिल गया...आपके पास है ही.....

    जवाब देंहटाएं

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