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08 सितंबर 2010

भारत का हर तीसरा व्यक्ति भ्रष्ट

हमारे देश में हर तीसरा व्यक्ति भ्रष्ट हे यह स्वीकारोक्ति किसी और की नहीं बलके देश भर में भ्रसटाचार को नियंत्रित करने वाली संस्था के सेवानिव्रत्त पूर्व प्रमुख अधिकारी की हे , पूर्व केद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रत्युष सिन्हा ने अपनी सेवानिव्रती के बाद इस सच्चाई को स्वीकारते हुए कहा के देश का हर तीसरा व्यक्ति भ्रष्ट हे , हमारे देश में सेवानिव्रत अधिकारीयों द्वारा पद से हटने के बाद देश के भ्रसटाचार की स्वीकारोक्ति किया जाना आम बात हे यह वह देश हे जहां हर व्यक्ति नो सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाली कहावत चरितार्थ करता हे यहा कोई भी शख्स खुद को ईमानदार और पुरे देश को बेईमान मानता हे खुद की बेईमानी को रस्म और मजबूरी बताता हे यह एक अकेला देश हें जहां जीवन भर भ्रटाचार फेला कर सेवानिव्र्त्ति के बाद अगर अधिकारी मुस्लिम होगा तो दाडी रख कर टोपी लगाकर मस्जिद का सदर बन जाएगा अगर हिन्दू हुआ तो बाबाजी बन कर मन्दिर समिति का अध्यक्ष या पदाधिकारी बन जाएगा कुल मिलाकर यह देश कहने को वीर नो जवानों का अलबेलों का हे लेकिन इन दिनों यह देश केवल और केवल भ्र्स्ताचारियों और अनाचारियों का हो गया हे हमारे पूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय राजीव गाँधी एक अकेले ऐसे बहादुर व्यक्ति थे जिन्होंने इस सच्चाई को कुर्सी पर रहकर स्वीकार क्या था और सार्वजनिक रूप से कहा था के हमारे देश का गरीबों तक जाने वाला हर एक रुपया जो केंद्र से चलता हे उन तक पहुंचते पहुंचते केवल १५ पेसे रह जाता हे देश की यही एक कडवी सच्चाई हे १९८५ में जब देश में भ्रटाचार का प्रतिशत ८५ था तो फिर आज तो देश में भ्रटाचार की हदें पार हो गयी हें इसीलियें ना तो अंतर्राष्ट्रीय भ्रटाचार का आंकडा सही हे ना देश के भ्रष्ट अधिकारीयों द्वारा की जारही स्वीकरोति आंकड़ा सही हे आज तो देश में बिरले ही कुछ लोग हें जो ईमानदार हें । हमारे दश में भ्रस्ताचार को रोकने के लियें जो भी कानून और निगरानी संस्थाएं बनी हें उनमें खुद भ्रसटाचार व्याप्त हे , विश्व भर में अकेला हमारा देश ऐसा हे जहाँ लोकसभा,संसद,राज्यसभा,केन्द्रीय और राज्य सचिवालय, पुलिस, मिलेट्री , मंत्री ,प्रधान मंत्री , क्रिकेट, होंकी, चिकित्सा ,शिक्षा , खेल कोमनवेल्थ सभी जगह भ्रसटाचार हे फिर भी हमारे देश में आल इस वेळ हे यहाँ भ्रस्ताचार निरोधक विभाग, केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त कार्यालय , सी बी आई ,और मन्दिर समझे जाने वाले न्यायालयों स्कुल कोलेजों में खुला भ्रष्टाचार हे तो फिर अब इमादार कोन बचा हे फिर भी इस देश में कुछ हे जो इमानदार हे लेकिन उन्हें पागल, क्रेक, सनकी के नामों से सम्बोधित क्या जाता हे ।
देश के भ्रटाचार के इस चित्रं को देख कर देश में भ्रस्ताचार को नियंत्रित करने के लियें सख्त कानून की जरूरत हे विश्व में भ्रष्टाचार रोकने के लियें जो कानून बना हे वोह भारत का सबसे कमजोर कानून हे क्योंकि इसे भ्रष्ट नोकर शाहों ने ही बनाया था केवल तीन प्रष्टों के इस कानून में भ्रटाचार के मामलों की सुनवाई के लियें तो विशिष्ट जिला जज जज स्तर के अधिकारी को बनाया गया हे लेकिन न तो इसके थाने स्थापित हें ना ही इसके न्यायालय ही ज्यादा बनाये गये हें हालत यह हें के इस कानून के तहत यहाँ आम आदमी को सीधे थाने में रिपोर्ट दर्ज करने का भी अधिकार नहीं दिय गया हे इतना ही नहीं जिस मामले की सुनवाई जज स्तर के अधिकारी करते हें उस मामले में पकड़े जाने पर थाने पर ही जमानत का प्रावधान हे देश में इसके अलावा भ्रटाचार रोकने की कोई संस्था नहीं हे केवल ऐसी संस्थाएं बनाई हें जो हाथी के दाँतों की तरह हे के खाने के और दिखाने के और दोस्तों आज वक्त आ गया हे के अब हम भ्रस्ताचार के खिलाफ अपने घर से मुहीम की शुरुआत करें पहले खुद भ्रटाचार से अपने आप को मुक्त करें फिर अपने परिवार अपने मित्रों मोहल्ले और फिर समाज देश के बारे में सोचें , देश में इसके लियें नया कठोर कानून बने इसके लियें आज से मुहीम चलायें तो दोस्तों आओ आज ही हम शपथ लें के न भ्रसटाचार करेंगे ना रिश्वत देंगे ना रिश्वत लेंगे ना ही भ्रस्टाचार होते घर परिवार दोस्तों में देख कर चुप रहेंगे त्ब्जाक्र यह देश फिर से वीर नो जवानों का अलबेलों का मस्तानों का बन सकेगा और महान से भी महान मेरा देश बनेगा यहा चारों तरफ आल इस वेळ आल इस वेळ ही होगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4 टिप्‍पणियां:

  1. samay ki maan hai ki bhrastaachar ke virudh sabhi aage aaayen.

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  2. ये सचाई है. लोकतंत्र का घृणित चेहरा है.

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  3. कम से कम अपने दायें बाएं हम अभियान तो चला ही सकते हैं.

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  4. @ सुलभ जी-यह वो दरिया है जो ऊपर से नीचे की ओर बहता है... ऊपर वाले ठीक हो जायें नीचे वाले की हिम्मत नहीं पड़ेगी...रिश्वतखोरी की..

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