तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 सितंबर 2010
नक्सलियों ने तीनों बंधक छोड़े शुक्र हे खुदा का
बिहार में अपह्रत तिन पुलिस कर्मी आज नक्सली गिरफ्त से रिहा हो गये उन्हें सुरक्षित रिहा देख कर सभी लोगों ने राहत की साँस ली हे कल नितीश ने इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और उसमें बंधकों को चुदवाने पर आम सहमती बनी थी । एक बधक की नक्सलियों ने बेरहमी से हत्या कर अपना संदेश रिहा किये गये बाक़ी तीनों बंधकों की भी हत्या कर देने के मामले में भी छोड़ा था,बंधकों की रिहाई त्योहारों के इस मोके पर ख़ुशी की बात हे इस मामले में खुदा का जितना भी शुक्र अदा करें वोह कम हे लेकिन बंधों की नाटकीय रिहाई देश के लोगों के गले नहीं उतर रही हे आखिर जो नक्सली अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर खफा तहे और उन्होंने गुस्से में अपह्रत जवानों में से एक की निर्मम हत्या कर दी फिर सर्वदलीय बैठक के बाद आखिर ऐसा कोनसा जादू हो गया के चुनाव आचार संहिता लगने के एक दिन पहले खतरनाक नक्सली बड़े प्यार से अपह्रत तीनों पुलिस कर्मियों को सुरक्षित छोड़ देते हें बस इसी मामले को लेकर आज देश असमंजस में हे और इन सवालों के जवाब तलाश रहा हे लेकिन ख़ुशी इस बात की हे के बंधक सुरक्षित लोट आये हें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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