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03 सितंबर 2010

सोनिया जी कोंग्रेस की चोथी बार फिर अध्यक्ष बनीं

सोनिया गाँधी देश की सबसे बढ़ी पार्टी कोंग्रेस की आज फिर चोथी बार राष्ट्रिय अध्यक्ष बन गयी हें , सोनिया गांधी देश के लियें ऐसा नाम हे जिसने कदम कदम पर यहाँ अनेकों उतार चढाव देखे हें । कोंग्रेस , भाजपा और दूसरी पार्टियों में जिस अलोकतांत्रिक तरीके से दिखावे के तोर पर चुनाव होते हें उसी तरह से इन चुनावों में फिर से सोनिया गाँधी की कोंग्रेस राष्ट्रिय अध्यक्ष पद पर ताजपोशी की गयी हे , इटली में जन्मी सोनिया ने सोचा भी नहीं था के जिस पायलेट राजीवगांधी से उसे प्यार हुआ हे वोह देश का ही नहीं विश्व की इतनी बढ़ी ताकत बनेगा के विरासत में उन्हें भी ताजपोशी मिलेगी , देश में बहु बन कर आने के बाद एक प्रधान मंत्री की बहु होने पर भी सोनिया की सादगी देश भर को याद हे ना कोई गुरुर न कोई घमंड जरा भी इतने बढ़े परिवार की बहु होने का कोई गुमान उन्हें नहीं रहा । सास की हत्या के बाद एक यही ऐसी बहु थीं जिन्होंने अपने पति राजिव गांधी के साथ सत्ता सम्भाली , सोनिया अपने पति स्वर्गीय राजिव गांधी के कार्यकाल में हर पल हर क्षण उनके साथ उनके अधिकतम फेसलों में शामिल रहीं और एक दिन पति की निर्मम हत्या के बाद राजनीति से जब उनका मन उचट गया और वोह खुद डॉ और खोफ के वातावरण में जीने लगीं तब देश का हर शख्स उनेह चाहता था के वोह इस देश की बागडोर सम्भालें लेकिन सोनिया एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने बार सर पर पहनाया जाने वाला ताज ठुकरा दिया और आखिर नर्सिंग्ग्घा राव ने बड़ी चतुरता से कुर्सी हथिया ली फिर केसरी सिंह और नर्सिंग्घा राव के बीच खूब तमाशे हुए सोनिया को सत्ता और सन्गठन से दूर रखने के लियें काफी कोशिशें की गयीं आज जो सोनिया गांधी के दरबारी हें उनमे से कई नर्सिंग्घा राव के दरबारी होने के कर्ण सोनिया से कन्नी काटते थे लेकिन सोनिया का रहन सहन चाल ढल हिन्दुस्तानी बहु की तरह थी हर शख्स हर महिला सोनिया को इज्जत की निगाह से देखने लगी और डूबती कोंग्रेस को बचाने के लियें एक बार फिर देश में गांधी परिवार के नाम पर सोनिया गांधी का सहारा लेना पढ़ा जब सोनिया राजनीति में आयीं तो देश ही नहीं विश्व की राजनीति में एक बढा तूफ़ान खड़ा हुआ यहाँ सोनिया से डॉ कर शरद पंवार ,संगमा,नारायण दत्त तिवारी , नजमा हेपतुल्ला ,अर्जुन सिंह सहित कई लोगों ने कोंग्रेस में बगावत कर दी और सोनिया को विदेशी चिड़िया , इटली की एजेंट ख कर दुष्प्रचार किया लेकिन वक्त बुलंद था आखिर ऐसे हालत बने के फिरस इ देश के इन लोगों को सोनिया की चोखट पर नाक रगड़ने जाना पढ़ा , सोनिया जब राहुल गाँधी को कोंग्रेस सन्गठन की मजबूती के लियें लायीं तो ऐसा लगता था के अब देश की बुलंदी चरम सीमा पर होगी खुद सोनिया ने एक बार फिर प्रधानमन्त्री बनने की घोषणा कर विश्व में खुद की छवि पूजनीय बना ली हिंदी सीखी राजनीति सीखी लेकिन अफ़सोस के आज वही सोनिया जिससे देश को बहुत उम्मीदें थी फिर से किसी ना किसी वजह से कुछ गिनती के चापलूस दरबारियों में घिर गयी हें और दरबारियों ने इन कुछ सालों में कोंग्रेस को जो कलंकित किया हे देश में कोंग्रेस की छवि को जो तबाह और बर्बाद किया हे उसको सोनिया और उनके पुत्र राहुल मिलकर भी नहीं रोक पाए हें , कोंग्रेस में सोनिया फिर से स्थापित हें लेकिन अगर आज भी उन्होंने देश और कोंग्रेस हित में चिन्तन मंथन कर कोंग्रेस शुद्धिक्र्ण योजना नहीं बनाई तो देश र कोंग्रेस सन्गठन का अल्लाह ही मालिक हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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