तेज़ ज्वार भाटे में लहरों के उमड़ते
समुन्द्र से
नदी ने रुकने को कहा
अपनी ताकत के नशे में चूर
समुन्द्र नहीं रुका
और सुनामी का श्मशान बना दिया
तबाही की इस कहानी को देख
नदी ने दूसरी नदियों से कहा
के समुन्द्र की ताकत हम हे
इसे हम कमजोर कर दें
बस फिर किया था
नदियों ने अपनी धाराए बदल दी
जिन छोटी नदियों की ताकत से
समुन्द्र में पानी भरने से
समुन्द्र समुन्द्र कहलाता था और पानी भर जाने के बाद
सुनामी जेसे आतंक और ज्वार भाटे जेसे तूफानों से
जनता को डराता था
नदियों के इस बदलाव से समुन्द्र समुन्द्र नहीं रहा
और बस मुर्दा ठहरे पानी की तरह खामोश एक गड्डे की तरह पानी हिलोरे लेता रहा
और समुन्द्र जो कभी समुन्द्र था नदियों के इस अश्योंग से समुन्द्र न रहा ।
नदियों के बदलाव से समुन्द्र को रुआंसा देख
एक नदी ने दूसरी नदी से कहा
काश भारतीय भी हमसे सीख लें
हमने जसे समुन्द्र को सबक सिखाया हे ऐसे ही भारतीय भी अकडू सरकार को अकडू नेताओं से मदद का हाथ खेंच कर उन्हें सबक सिखाएं और जिस तरह नदियों ने समुन्द्र की मदद से हाथ खींच कर उसके समुन्द्र होने का अस्तित्व खत्म कर दिया हे इसी तरह से जनता राज्यों और केंद्र में जन विरोधी कार गुजारियों का सेलाब , सुनामी लाने वाली इस सरकार को अपना समर्थन खेंच कर सरकार को धुल चटाए क्या हम और हमारी जनता इस लोकतंत्र में समुन्द्र के समुन्द्र होने का अस्तित्व छीनने वाली नदियों की एकता से सबक लेंगे या फिर यूँ ही हिन्दू मुस्लिम,हिंदी भाषी, उर्दू भाषी मराठी,कन्नड़ में बंट कर बेईमानों की जय बोल कर उन्हें मजबूत करते रहेंगे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अगस्त 2010
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बहुत ही अच्छा विश्लेषण किया है ... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबढिया प्रस्तुति .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन!
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.