आपका-अख्तर खान

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20 अगस्त 2010

तुम्हारी याद

जिंदगी के
आखरी
मोड़ पर
लगा रहा था
में जिंदगी के लम्हों का
हिसाब
हर पन्ने पर
लिखे थे
किस्से गम के
तुम्हारे
इसलियें
आखरी लम्हे में
बस तुम ही
बहुत याद आये।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. हर पन्ने पर लिखे थे किस्से गम के"

    बहुत अच्छा लिखे खान साहिब.

    जवाब देंहटाएं
  2. का बात लिखे हैं अख्तर भाई...याद का ऐसा टीस त कोई भावुक आदमी ही बयान कर सकता है..

    जवाब देंहटाएं

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