आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

14 अगस्त 2010

क्यूँ की में आज़ाद हूँ

में एक आम हिन्दुस्तानी हूँ
मुझे देखो में सडक पर कहीं भी थूकता हूँ
क्यूँ की में आज़ाद हूँ ,
मुझे देखो में कर्मचारी हूँ
लेकिन दफ्तर में नहीं हूँ
सडक पर घूम रहा हूँ
वेतन पूरा लेकर भी
लोगों के काम नहीं करता
क्यूँ की में आज़ाद हूँ ,
उधर देखों सडकों पर बन रहे हें बेतरतीब मकान
वोह कहते हें कोन रोकेगा मुझे
में तो आज़ाद हूँ ,
वोह देखों बहने छिड रही हें , सरा आम होती हे लुट
कोई किसी को क्या कहे जवाब एक हे
क्यूँ की में आज़ाद हूँ
मेरे देश के लोगों
सुन लो कान खोल कर
आज़ाद तुम नहीं तुम्हारा देश हे
तुम तो देश के तिरंगे के गुलाम हो
इसकी रक्षा करना हे तुम्हारा फर्ज़
राष्ट्र गीत,राष्ट्रगान ,ध्वज गीत गाना हे तुम्हें
संविधान ,कानून देश का बना हे जो
पालना उसी की तुम्हें करना हे
चोर लुटेरे डकेत भ्रष्ट बेईमान मिलावट खोर जो भी हों
उन्हें पकडवा कर तुम्हे आज़ाद देश के आज़ाद नागरिक होने का सुबूत देना हे
क्या ऐसा तुम कर सकोगे नहीं या हाँ जो भी हो सोचो खो लिखो या फिर करो ,जय भारत , जय हिंद, सबसे उंचा झंडा रहे तिरंगा हमारा , जय स्वतंत्र जय गणतन्त्र।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...