एक मुर्गी ने
अपने मुर्गे से कहा
अजी
आज तो
अंडा खाने का
मन करता हे
प्लीज़
बाज़ार से
एक अंडा लाडो ना ।
मुर्गा बोला
अंडा तो तुम ही देती हो
सो तुम ही दे कर खुद ले लो ना
मुर्गी फिर बोली
नहीं
तुम तो बाज़ार से लाओ
अंडा में दूंगी तो
मेरा फिगर बिगड़ जाएगा/ /////
एक बस का
एक्सीडेंट हुआ
एक जनाब का हाथ टूट गया
सो वोह चिल्ला रहा था हे भगवान
मेरा हाथ मेरा हाथ ।
सरदार जी ने उन्हें देखा
और समझाने लगे
ओ तुसी भी बस इतने से में
देखो वोह तो मर गया
फिर भी नहीं चिल्ला रहा चुप पढ़ा हे
और तुम हो की चिल्लाये जा रहे हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 जुलाई 2010
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अच्छा है...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
ha ha ha ....vaah.. kya jamaanaa aa gayaa hai murgi bhi figar nahi bigadanaa chaahati.
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