आपका-अख्तर खान

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26 जुलाई 2010

एक चिट्ठी तो दिल से डालो यारों

किसी शायर ने कहा हे
कोन कहता हे आसमान में
हो नहीं सकता सुराख
एक पत्थर तो तबियत से
उछालो यारों ।
इस शेर को मेने मेरे अल्फाजों में बदल दिया हे
कोन कहता हे
व्यवस्था में हो नहीं सकता
सुधार
एक चिट्ठी तो
दिल से डालो यार । दोतों कहने को तो यह सामान्य सी शायरी बाज़ी हे लेकिन इसके पीछे जो चिन्तन जो मंथन हे उसका भाव में समझाने की कोशिश कर रहा हूँ दोस्तों हम गली,मोहल्ले.सरकारी,गेर सरकारी दफ्तरों,शहर,देश और देश की हर व्यवस्था को देखते हें दिल ही दिल में उसे कोसते हें कुछ हिम्मत वाले होते हें तो अपने दोस्तों में इसकी चर्चा करते हें कुछ नुक्कड़ों और चाय की होटलों पर इसकी चर्चा करते हें लेकिन दोस्तों व्यवस्था जेसी हे जस की तस बनी रहती हे एक आता हे फिर दुसरा आता हे गालिया सब बकते हें नाराज़ सब होते हें उपदेश सब देते हें लेकिन आखिर वजह किया हे के समस्या समस्या ही बनी रहती हे तो दोस्तों फिर में पहले फ्वाले शेर पर आ रहा हूँ जिसमें कहा गया हे की कोई अगर चाह ले और एक पत्थर दिल से उछाल दे तो आसमान में भी सुराख हो सकता हे यानी इंसान अगर कुछ सोच ले तो वोह हर असम्भव को सम्भव बना सकता हे जेसा मेने बदल कर लिखा हे के आप और हम समस्याएं देखते हें नाराज़ होते हे सरकारों को कोसते हें लेकिएँ संबंधित व्यक्ति के पास हमारी आवाज़ नहीं पहुंचाते आज सफाई करने वाले महकमे के इंचार्ज को पता नहीं हे के उसकी कमी क्या हे और जनता उससे क्यूँ नाराज़ हे क्यूँ की उसके पास परेशान लोगों की लिखित में चिट्ठिया नहीं जाती हें यही हाल शिक्षा,चिकित्सा,सरकार और गेर सरकारी सभी फ्त्रों में यही हाल हे तो ओस्तों हम अगर आदत डाल लें के जो हम सोचते हें और जो परेशानी समझते हें इसके निराकरण के लियें जो सुझाव ठीक समझते हें बस कागज़ कलम उठायें और लिख भेजें सम्बन्धित विभाग और विभाग अधिकारी और मंत्री जी को में इस चिट्ठी पत्री व्यवस्था से जुदा हूँ और यकीन से कह सकता हूँ के आप की समस्याओं का समाधान होगा आपके सुझावों पर अम्ल होगा और काफी हद तक देश में जाग्रति आने से व्यवस्था में सुधार होगा । तो दोस्तों संकल्प लो के हम हर समस्या पर सम्बन्धित विभाग के मुखिया और मंत्री जी को एक पत्र अव्ह्य लिखेंगे प्लीज़ देश के सुधार में इतना योगदान तो हमें करना चाहिए ना। तो दोस्तों में एक बार फिर दोहराता हूँ ।
कोन कहता हे
व्यवस्था में हो नहीं सकता बदलाव
एक चिट्ठी तो
दिल से डिटेल में लिखकर डालो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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