तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 जुलाई 2010
राष्ट्रीय ध्वज दिवस कल २२ जुलाई को
दोस्तों राष्ट्रीय ध्वज दिवस कल २२ जुलाई को पुरे देश में धूम धाम से मनाना चाहिए लेकिन अफ़सोस इस मामले में देश के सभी कलेक्टर्स ,राजनितिक दल, संस्थाएं,सरकारें,कार्यकर्ता चुप्पी साधें हें अधिकतम लोगों को तो इस दिवस की जानकारी ही नहीं हे पिछले सप्ताह मेने क्रप्या इसे जरुर पढ़े के शीर्षक के नाम से इस मामले में एक ब्लॉग पोस्ट पेली थी जो ब्लोगर्स को शायद पसंद नहीं आई लेकिन में भी कुत्ते की दुम हूँ सीधी होने वाली नहीं हूँ इसीलियें इस दिवस के एक दिन पूर्व फिर से अपने ब्लोगर्स भाइयों को इस मामले में जागरण कार्यक्रम चलाने और अभियान छेड़ने के लियें फिर से निवेदन कर रहा हूँ दोस्तों हमारा तिरंगा आज़ादी के २४ दिन पूर्व संविधान सभा में डोक्टर एस राधा कृष्ण जी ने प्रस्तुत किया था और इसका प्रारूप जेसा हे उसे अनुमोदित करवाया था तिरंगे के उपर सेफ्रों भगवा कलर बीच में सफेद और निचे हरा रंग हे बीच में २४ तिलियें और अशोक चक्र हे भगवा कलर राष्ट्रीय समर्पण सफेद कलर राष्ट्रीय चमक और हरा कलर पर्यावरण हरियाली से सम्बद्ध हे जबकि विकास चक्र के लियें २४ तीलिये और सत्य की राह पर चलने की सीख देने के लियें अशोक चक्र हे , राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप २२ हलाई १९४७ को पारित हुआ और २६ जनवरी २००२ में ध्वज संहिता बनाई गयी इसके अपमान पर तिन वर्ष की सजा हे इस दिन या जब भी उत्सव ह राष्ट्रीय ध्वज के सामने हाथ जोड़ कर निर्धारित प्रतिज्ञा ली जाती हे जिसमें खा जाता हे की हम प्रतिज्ञा करते हें के राष्ट्रीय सम्मान और आन बाण की हम रक्षा करेंगे और समर्पित रहेंगे, दोस्तों वेसे तो इसके पूर्व क्रप्या इसे न पढ़े के नाम से शीर्षक में मेने सभी जानकारिया दी हें चाहो तो देख सकते हो अब आप जानो आपका काम जाने । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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आपके द्वारा दी गयी जानकारियां अपनी जगह विशिष्ट हैं. धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंपत्रकारिता से सम्बंधित आप लोग कृपया मेरी ताज़ा पोस्ट पढ़ें. और टिप्पणी दें. शुक्रगुज़ार होऊंगा.
मीडिया से जुड़े हुए व्यक्तियों का खोजी स्वभाव का होना तो आवश्यक है ही परन्तु इसके साथ यदि उनमें सत्यता, निष्पक्षता तथा निर्भीकता के गुण नहीं हैं तो उसका नतीजा बहुत बुरा निकलता है।
http://haqnama.blogspot.com/2010/07/muslims-and-media-sharif-khan.html
nice post
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।