ऐ फूलों से जलने वालों
फूलों की खुशबु से
यूँ ना जला करो ,
जरा जाकर तो देखो
गुलशन में ,
यह मासूम फुल
कितने काँटों से
घिरा रहता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
19 जुलाई 2010
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बहुत बढ़िया भावपूर्ण रचना...बधाई.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिवक्ति बधाई..!
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