आपका-अख्तर खान

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22 जुलाई 2010

सोचता हूँ

तेरी जुदाई के बाद
सो सो बार
रोया हूँ में
होश आता हे
तो
सोचता हूँ
इतना रोने से
तो अच्छा था
बाज़ आता में
लम्हा भर
मिलकर तेरे साथ
मुस्कुराने से ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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