तेरी जुदाई के बाद
सो सो बार
रोया हूँ में
होश आता हे
तो
सोचता हूँ
इतना रोने से
तो अच्छा था
बाज़ आता में
लम्हा भर
मिलकर तेरे साथ
मुस्कुराने से ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 जुलाई 2010
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बढ़िया!!
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