तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 जुलाई 2010
धरा रह गया ओनर किलिंग कानून
देश में संरक्ष्ण में रह रहे लोगों की निरंतर बढ़ रही बेहिसाब हत्याओं से तंग आकर कोंग्रेस सरकार के विहिम्न्त्री ने पिछले दिनों इस मामले से निपटने के लियें एक कानून बनाने की घोषणा की थी इस मामले में कोंग्रेस ने प्रयास भी किये लेकिन मंत्री कमलनाथ के चलते यह संभव नहीं हो सका बात सही भी हे ऐसे कानून बनाकर केव कानून की संख्या ही बढाने के बराबर होते हें वसे वर्तमान में जो भी कानून हें अगर पुलिस और सरकारें उस कानून को तत्परता से लागू रखे तो देश में ओनर किलिंग की घटनाए रुकेंगी भी और दोषियों को दंड भी मिलेगा महिलाओं के मामले में घरेलू हिंसा कानून सरकार ने लागू तो किया हे लेकिन इसके नियम सेवा प्रदाता पुलिस जवानों की ज़िम्मेदारी नहीं टी की हे यहाँ तक के महिला कानून के तहत एक भी परिवाद खुद सरकार की तरफ से पेश नहीं किया गया हे तो जनाब इस्ससे अंदाज़ा लगायें के सरकार कानून को लागू करने में कितनी गंभीर हे हत्या के मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराएं पर्याप्त हें पुलिस और सरकार के पास इससे निपटने के लियें पर्याप्त कानून हें नहीं हे तो बने कानूनों को लागू करने की क्षमता और इसी लियें घरों में हिंसा बढ़ रही हे बाल हिंसा,महिला हिंसा सभी तरह की संरक्षण में हो रही हिन्सा रोकने के पर्याप्त प्रावधान हें लेकिन जनाब एक कानून ड्राफ्टिंग के नाम पर करोड़ों रूपये का सीधा घपला होता हे और पुराने कानूनों का मिक्सचर बना कर दो पेज का कानून बना दिया जाता हे जिसे बाद में लागू भी नहीं किया जाता पर्याप्त आधिकारी नहीं दिए जाते आप जानते हें देश में दहेज़ लेना और देना अपराध हे फिर देश में खुलेआम सरकार की निष्क्रियता की वजह से दहेज़ का खुला लेनदेन होता हे दहेज़ को लेकर प्रताड़ित की घटनाए होती हें महिला आयोग हे लेकिन चुप हे बाल आयोग हे लेकिन चुप हे भीक मांगना अपराध हे लेकिन बच्चे भिक मांगते हें , सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान अपराध हे लेकिन फिर भी होता हे , स्कूलों में कमिशन खोरी मनमानी फ़ीस और बच्चों को प्रताड़ना अपराध हे लेकिन यह सब खुलेआम होता हे तो जनाब कोई भी हिंसा ओंर किलिंग के अपराध रोकने के लियें हमारा कानून सक्षम हे जरूरत हे इसे क्रियान्वित करने की अब कानून के नाम पर करोड़ों के घोटाले और जनता को बेवकूफ बनाने के लियें राजनीतिक तरीके अपनाए जाएँ तो इससे देश का बुरा ही होगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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