आपका-अख्तर खान

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04 जुलाई 2010

हर सुबह

हर सुबह
तेरी दुनिया में
मेरा खुदा
रौशनी कर दे,
मेरा रब तेरे गम को ,
तेरी ख़ुशी करदे
डूबने लगें जब तेरी सांसें
खुदा तेरे जिस्म में
meri saanse bhr de.
akhtar khan akela kota rajsthan

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