रूठी हुई आँखों में
इन्तिज़ार होता हे
न चाहते हुए भी
केवल उन्ही से प्यार होता हे
क्यूँ देखते हें
हम वोह सपने
जिनके टूटने पर भी
उनके सच होने का
इन्तिज़ार होता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 जुलाई 2010
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कवि अख्तर खान अकेला का स्वागत है।
जवाब देंहटाएंयही तो मुश्किल है इन्सान वो ही चाहता है जो मुमकिन नही होता।
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