आपका-अख्तर खान

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19 जुलाई 2010

यह जोश केसा हे

जोश में आकर
घर मेने पड़ोसी का जलाया
मुझे किया पता था
मेरा घर भी
इसी के साथ जलेगा ।
अब दीवानगी देखों
में पड़ोसी की
और पड़ोसी मेरे घर की
आग बुझा रहे हें ।
जोश में आकर
फाड़ दिया गिरेबान कासिद का
होश में आने पर
अब कांटो से
इसे रफू कर रहा हूँ
जोश में आकर
धर्म का झगड़ा करा दिया
घर जब मेरा भी जला
तो अब में सुलह कर रहा हूँ
जोश में आकर सच तो लिख दिया
लेकिन अब इसी सच के लियें
घर घर माफ़ी मांग रहा हूँ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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