जोश में आकर
घर मेने पड़ोसी का जलाया
मुझे किया पता था
मेरा घर भी
इसी के साथ जलेगा ।
अब दीवानगी देखों
में पड़ोसी की
और पड़ोसी मेरे घर की
आग बुझा रहे हें ।
जोश में आकर
फाड़ दिया गिरेबान कासिद का
होश में आने पर
अब कांटो से
इसे रफू कर रहा हूँ
जोश में आकर
धर्म का झगड़ा करा दिया
घर जब मेरा भी जला
तो अब में सुलह कर रहा हूँ
जोश में आकर सच तो लिख दिया
लेकिन अब इसी सच के लियें
घर घर माफ़ी मांग रहा हूँ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)