सियाह घटाटोप
अंधेरों से,
जब तुम ,
देखते हो
तो
तुम्हारी यह
दो आँखें
बल्ब सी लगती हें
चेहरा तुम्हारा
डरावना
सा लगता हे
घटा टॉप अंधेरों
से जब
तुम
मुझे
देखती हो।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 जुलाई 2010
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एक दिन में इतनी कविताएँ। लगता है कविता लिखने का विश्व रिकॉर्ड बनने वाला है।
जवाब देंहटाएंsamjh nahi aayi kavita. kya meessage hai isme
जवाब देंहटाएंaamir khan ki raja hindustani dekhi hai lagta hai
जवाब देंहटाएंabove two statements are for tum dekhte ho
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