तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
09 जुलाई 2010
अफजल गुरु कोंग्रेस का दामाद वाणी पर गडकरी अड़े
भाजपा के नये अमर्यादित आचरण रखने वाए नितिन गडकरी ने पहे कोंग्रेस के तलवे चाटने की सहयोगी दलों के लियें बात खी थी अब गडकरी के होसले और बुलंद हो गये हें गडकरी ने संसद मामले के आरोपी अफजल गुरु की फांसी के मामले में कहा हे के अफजल गुरु कोंग्रेस और कोंग्रेस के नेताओं के दामाद हें इसीलियें अब तक उसे फांसी नहीं दी गयी हे इस पर कोंग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा के यह वाणी सही नहीं हे अगर हम कहें की राजीव के हत्यारे भाजपा के दामाद हें तो भाजपा को केसा लगेगा मीडिया ने भी गडकरी की इस मामे में खूब आलोचना की लेकिन गडकरी अब अपनी बात पर कायम हें और उन्होंने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया गडकरी को शायद पता नहीं के वोह भारत देश में निवास करते हें तालिबानी युग में नहीं जहां कानून नाम की चीज़ नहीं हे गडकरी जी को सोचना चाहिए के वोह देश की लोकतांत्रिक व्यवथा के तहत चुनाव आयोग से विही नियमों के तहत बंधी राजनितिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हें और ऐसे ब्यान दें वाले नेता के खिला खुद चुनाव आयोग प्रसंज्ञान लेकर उसकी पार्टी की राजनितिक मान्यता समाप्त कर सकता हे फिर भी गडकरी नहीं सुद्रें तो हम क्या ख सकते हें बस एक कहावत ही याद कर सकते हें के कुत्ते की दम नो महीने नाली मेर रखी लेकिन टेडी की टेडी ही रही। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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