आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

07 जुलाई 2010

अपना ब्लॉग तो पढ़ा दिया मेरा कोन पढ़ेगा

एक सडक पर दो आदमी हाथों में लेब्टोप लिए तेज़ी से भागे जा रहे थे उन्हें भागते देख में भी उनके पीछे हो लिया भागने वाले दोनों भाई हाफ्ते कांपते पसीने पसीने भागे जा रहे थे उन्हें भागता देख में भी उनके पीछे हो लिया में जब भागा तो मेरी देखा देख पहले एक फिर दो फिर तीन सब एक दुसरे के पीछे भागने लगे आखिर पीछे वाले सज्जन ने आगे वाले सज्जन को पकड़ ही लिया दोनों हाँफते कांपते पसीने में तर बतर जमीन पर पढ़ के निचे बेठ गये मेने उनसे भागने की वजह जानना चाहि तो पीछे भागने वाले ने रूहांसा होकर कहा के भाई यह जनाब ऐसे हें के इन्होने मुझे अपना ब्लॉग तो पढ़ा दिया लें जब मेरा ब्लॉग पढने की बारी आई तो बिना पढ़े भाग लिए बस फिर किया था मेरा होसला बढ़ गया मेने भी मोके का फायदा उठाते हुए कहा के भाई पहले तुम दोनों मेरा ब्लॉग पढ़ लो फिर इसका फेसला में और पीछे आने वाले लोग मिलकर करेंगे बस फिर किया था मेंरा ब्लॉग तो पढ़ा नहीं गया दुसरे आने जाने वाले भी अपना अपना ब्लॉग लेकर एक दुसरे को पढाने के पीछे पढ़ गये यकीन मान्य मुझे उस वक्त इन दिनों चले ब्लोगिंग महाभारत की याद आ गयी और में चुप चाप अपना सा मुंह लेकर बिना मेरा ब्लॉग पढाये बिना उस पर कोई प्रतिक्रिया टिप्पणी लिए अपने रास्ते वापस लोट चला और फिर मुझे मेरा ब्लॉग पढने वाले की तलाश हे धन्यवाद आप ने मेरा ब्लॉग पढ़ा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. 'अकेला' जी नाम में बहुत कुछ रखा है हो सके तो महफूज साहब की पोस्‍ट पढें फिर आपको शायद 'अकेला' तखल्‍लुस बदलना पड जाये

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...