तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 जून 2010
क्रिकेट देश के लियें नहीं रुपयों के लियें
क्रिकेट देश के लियें नहीं रुपयों के लियें खेला जा रहा हे यह आरोप खेल संघ के सुरेश कलमाड़ी ने देश के क्रिकेटरों पर लगाया हे जो कुछ हद तक साबित भी हे , हाल ही में होने वाले प्रस्तावित एशियाड खेलों में क्रिकेट को भी शामिल किया गया हे लेकिन क्रिकेट के बी सी सी आई के करताधर्ताओं ने एशियाड में क्रिकेट खेलने इ इनकार किया हे क्योंकि अगर वहां क्रिकेट खेला जाता हे तो केवल नाम और जितने देश को गोरव मिलेगा लेकिन क्रिकेटरों और बिसिसिआइ को रूपये नहीं मिलेंगे इसी लियें एशियाड में क्रिकेटरों ने देश के लियें नहीं खेलने का एलान किया हे ऐसे में सुरेश कलमाड़ी की यह टिप्पणी की क्रिकेटर देश के लियें नहीं रुपयों के लियें खेलते हें एक डीएम वाजिब हे देश को इस बारे में सोच कर बिसिसिआइ और क्रिकेटरों पर अपना दबाव बनाना चाहिए। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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