तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 जून 2010
पंचायत मंत्री भरतसिंह ने जल संरक्ष्ण मामले में जनप्रतिनिधियों को ज़िम्मेदार माना
राजस्थान में पंचायत राज मंत्री भरत सिंह ने आज उनके पैत्रिक गाँव कुन्दनपुर में आयोजित एक समारोह में साफ़ तोर पर कहा के राजस्थान में जनप्रतिनिधि जल संरक्ष्ण मामले में गेर ज़िम्मेदार हें और उनके कारण ही यहाँ पानी की दिक्कतें आ रही हें उन्होंने कहा के अगर जन प्रतिनिधि कुन्दनपुर की तर्ज़ पर पानी का संरक्ष्ण करना सीख लें और इस संरक्षण की शुरुआत कर दें तो राजस्थान में पानी का स्टोर होने से पानी का समस्या का समाधान हो जाएगा । भरत सिंह जी मंत्री हें इसलिए अफसरों यानी नोकरशाहों के कहने में आकर जनप्रतिनिधियों को इसके लियें ज़िम्मेदार बता सकते हें लेकिन यह सच तो छोटा बच्चा भी जानता हे के जनप्रतिनिधियों की हेसियत नोकरशाहों ने राजस्थान में च्प्दासी से भी बुरी बना रखी हे यहाँ के नोकरशाहों ने यूनियन बना कर विशेष प्रशिक्ष्ण लिया हे और वोह सब एक मंत्री और अख़बार वालों को पटाते हें और फिर बस यह अधिकारी सारी मर्यादाएं भूल कर मनमानी कर चोर बाजारी करते हें और जनप्रतिनिधि के हस्तक्षेप करने पर उसे आँखें दिखाते हें इतना ही नहीं मंत्री से उन जनप्रतिनिधियों की शिकायतें कर उन्ही सरे आम मंत्रियों से डांट भी पडवाते हें इसके खिलाफ अगर जनप्रतिनिधि नोकरशाहों की शिकायत करें तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होती उलटे उन्हें मंत्री जी द्वारा चमचा गिरी से भी महरूम कर दिया जाता हे तो दोस्तों राजस्थान के नोकरशाहों का तो खुला नारा हे जंगल के शेर यानी इलाके के मंत्री को कब्जे में कर लो फिर जंगल पर यानी जिलों की योजनाओं पर उनका ही नंगा मनमाना राज रहेगा बस यही निति राजस्थान के विकास और न्याय को दीमक की तरह चाट रहा हे ऐसे में भाई दुआ करो के राजस्थान की मंत्रियों और नोकरशाहों की इस नीति के चलते राजस्थान की तो बस खुदा ही खेर करे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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