तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 जून 2010
कोंग्रेस के पंजे की चनाव आयोग को शिकायत
पिछले दिनों कोंग्रेस यानी भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे को लेकर भाजपा का रुख आक्रामक रहा भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत हे के पंजा शरीर का अंग हे और इसजीवित व्यक्ति के शरीर का हिस्सा होने के कारण विधि नियमों के तहत चुनाव चिन्ह के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती , दोस्तों वेसे तो चुनाव आयोग के नियमों में किसी भी पार्टी को ऐसा कोई चुनाव चिन्ह जो राष्ट्रीय चिन्ह हो वोह देने पर भी पाबंदी हे जानवरों की तस्वीरों के चुनाव चिन्ह देने पर भी पाबंदी हेलेकिन शरीर के किसी अंग पर पाबंदी कानून में नही लिखी हे इन सब के बावजूद भी देश में बसपा को हाथी शिवसेना को शेर और खुद शिकायत करता भाजपा को राष्ट्रीय पुष्प कमल का फुल चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित हें अब जब यह गेर कानूनी हे तो फिर खुद को इतना चिल्लाने की क्या जरूरत हे वेसे आयोग ने यह भी खा हे के अब तक जो चुनाव चिन्ह आवंटित हो हुके हें उन को वापस नहीं लिया जाएगा लेकिन भविष्य में इस तरह के चुनाव चिन्ह नहीं आवंटित होंगे । सब जानते हें के कोंगरे हो या भाजपा या कोई भी पार्टी हो इनमें आंतरिक लोकतंत्र मर गया हे सभी पारियों के अपने अपने संविधान हें सदस्यता और चुनाव की प्रक्रिया हे लेकिन किसी भी पार्टी ने सार्वजनिक रूप से सदस्य बना कर आम चुनाव की तरत गुप्त नहीं करवाया हे सभी पार्टिया हाई कमान के नाम पर जिला अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक फर्जी चुनावी कार्यवाही करवा कर एक आदमी को अलोकतांत्रिक तरीके से थोप देते हें और ऐसा होने पर ऐसी पारियं की मान्यता चुनाव आयोग में खत्म कर दें का प्रावधान हे लेकिन भाई अब जो भी चुनाव आयोग हे सरकार के प्यादे हें पार्टिया कहती हे के तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूंगा चोर चोर मोसेरे भाई इसी लियें सब चुप हे और अभी कोई चुनाव आयुक्त टी ऍन शेषन नहीं हे जो इन ग़लतियों पर राजनितिक पारियों को सबक सिखा सके। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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लोकतंत्र की ऐसी तैसी कर रखी है इन पार्टियों ने.
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