तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 जून 2010
भोपाल त्रासदी के गुनहगार
कई दशक पूर्व भोपाल में गेस त्रासदी के आरोपियों को आज कही जाकर मामूली सी सजा मिली हे सारा देश और सारा विश्व जानता हे के यह गेस त्रासदी मासूमियत और इंसानियत पर कलंक थी यहाँ आरोपियों ने खुद को बचाने के लियें सभी ओछे हथकंडे अपनाए कई लोगो ने इस मामले में राजनितिक रोटियाँ सेंकीं लेकिन कई लोग हें जो आज भी सिसक रहे हें कोई लूला कोई लंगड़ा कोई अंधा बेहरा हे तो कोई यतीम अपने मान बाप के प्यार को तरस रहा हे इन सब के बावजूद भी कुछ नेताओं और कानून के जानकारों की आरोपियों की तरफदारी श्रम की बात हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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