आपका-अख्तर खान

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02 जून 2010

थप्पड़ तो अभी खाया ही हे ब्लोगर में खबर छप गयी

मेरे ब्लोगर दोस्तों एक शेर हार थक कर जंगल में एक पेड़ के नीचे आकर सुस्ताने लगा पढ़ पर बेठे बन्दर ने जब शेर को मदहोश हालत में देखा तो उसने सोचा के शेर जंगल का राजा होता हे क्यों ना इसके एक थप्पड़ मार कर इसे सबक सिखाया जाए बस बन्दर नीचे उतरा और उसने शेर के मुंह पर ज़ोरदार थप्पड़ जड़ दिया शेर थप्पड़ खा कर हडबडा कर उठा और जेसे ही उसने बन्दर को देखा वोह बन्दर पर लपका लेकिन बन्दर भागने लगा शेर ने सोचा के में तो जंगल का राजा हूँ अगर बन्दर ने यह बात अगर जंगल में फेला दी तो में खिन शक्ल दिखाने लायक नहीं रहूंगा इस लियें उसने बन्दर को लपक कर जान से मारने की ठान ली बन्दर आगे आगे शेर पीछे पीछे आखिर जंगल से बस्ती आ गयी लेकिन बन्दर शेर के हाथ नहीं आया बस्ती में एक सज्जन अखबार लेकर लेबटोप पर ब्लॉग लिख रहे थे लेकिन वोह बन्दर और शेर को देख कर भाग लिए बस फिर क्या था नकल में माहिर बन्दर जी लेबटोप पर अखबार मुंह पर लगा कर बेठ गये शेर जब आया तो वोह बन्दर को दूंधने लगा जब उसे बन्दर नहीं दिखा तो उसने लेबटोप पर मुंह छुपा कर बेठे बन्दर से पूंछा के ऐ आदमी तुने इधर से किसी बन्दर को जाते हुए देखा हे क्या इस पर बन्दर ने अखबार में मुंह छिपा कर ही आदमी की आवाज़ की नकल कर कहा के व्ही बन्दर जो अभी शेर के थप्पड़ मार कर भागा हे यह सुन हांफता कांपता शेर सर पकड़ कर नीचे बेठ गया और कहा हे राम थप्पड़ खाए हुए पांच मिनट भी नही हुए और इन ब्लोगर्स ने इसे ब्लॉग पर चाप भी दिया तो ब्लोगर दोस्तों आज हमारी ब्लोगर दुनिया की गति बहुत तेज़ हे और हालात यह हें के खबर सुचना विचार अआचार तेज़ी से आदान प्रदान हो रहे हें साथियों जब ब्लोगर की दुनिया कामयाबी की और हे तो फिर प्लीज़ इसे गंदा होने से बचाएं भाई चारा और सद्भावना की खुसबू और प्यार से इस ब्लोगर्स की फसल को लहरायें क्यूँ भाइयों बहनों आज से ऐसा ही कोरोगे ना । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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