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25 जून 2010

देश में सो कोल्ड आपात काल की स्थिति

देश में आपात काल के वक्त १९७७ में दो तरह की स्थितियां थी एक तरफ तो लोगों का आरोप हे की सरकार की मन मर्जी चलती थी और देश में सरकारी ज़ुल्म की पराकाष्ठा हो गयी थी आपात काल की दूसरी तस्वीर जिसे शायद में या मेरे जेसे गिनती के ही कुछ लोग पसंद कर पायेंगे वोह थी जिसमे देश में अराजकता,लुट पाट, भ्रष्टा चार , जमाखोरी, मिलावटखोरी, व्यापारियों की लुट पाट ,निरंकुश नेताओं की समाज में धार्मिक उन्माद फेलाने की कार्यवाही धर्म के नाम पर अधर्म , जेसी स्थितियां नहीं थीं और जब आपात काल खत्म हुई तो उसी के नतीजे थे के एक तो आज़ादी के दुसरे जश्न का माहोल था और देश में दो रूपये किलो शक्कर, सस्ते चांवल,गेहूं सभी खाद्य पदार्थ सस्ते थे , अभी आज कोटा से प्रकाशित देनिक भास्कर के संपादक लेख सर्वं गर्ग जी ने लिखा हे के देश में सो कोल्ड यानी स्नव्य्म की पैदा की गयी आपात काल की स्थिति हे यहाँ कोई आदमी परिवार सुरक्षित नहीं हे दफ्तरों में मनमानी हे मेने भी इस लेख को पढ़ा हे बात भी ही हे के आज देह में सो कोल्ड यानी खुद जो कर लो व्ही कानून हे और जिसकी लाठी उसी की भेंस की कहावत च्रिओतार्थ हो रही हे अब आप ही बताएं के इस देश में फिर से कानून का राज स्थापित करने के लियें हमारी सरकार को मिलावट खोरों, जमाखोरों, भ्ष्टों के शिकंजे से बाहर केसे निकालें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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