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31 मई 2010

कोटा में जनसंख्या के अनुपात पर थाने चोकी नहीं

कोटा में जनसंख्या के अनुपात से बहुत कम थाने और चोकियां हें यहाँ एक नये थाने और तीन चोकियों की जरूरत हे इस मामले में कोटा के विधायक और ग्रहमंत्री ने भी प्रयास तेज़ कर दिए हें हाल में यहाँ तीन चोकियां कागजों में चल रही हें कोटा में एक तरफ तो शिक्षा की वजह से जनसंख्या में व्रद्धी हुई हे साथ ही अपराधों का ग्राफ और पुलिस की सम्मन तामिल सुरक्षा मंत्री कार्यक्रमों के झमेले हें और आवश्यकता से कई गुना पुलिस कर्मियों अधिकारीयों संसाधनों की कमी हे एक तरफ तो राजस्थान में जयपुर में कमिश्नर प्रणाली की बात अंतिम चरणों में हे तो दूसरी तरफ हमारे ग्र्ह्म्न्त्रिउ के कोटा शेहर में थानों चोकियों की कमी अखरने वाल बात हे आखिर सिमित पुलिस कर्मी बेचारे केसे अपराध नियन्त्रण करें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. आईये, मन की शांति का उपाय धारण करें!
    आचार्य जी

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  2. सिर्फ कोटा ही नहीं दोस्त हर जगह यही सिचुएसन है......क्या करें ....!

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  3. har jagah yahi situation hai, vaise chouki badhne se crime ghatane ke badale badh hi jaayegaa,......hamaare desh ki police aisi hi hai. bajaa

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