तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 मई 2010
फिसड्डियों के चक्कर में प्रतिभाएं मर गयीं
फिसड्डियों के चक्कर में सीबी एस सी में दसवीं की परीक्षा देने वाली प्रतिभाएं दब कर रह गयी हें देश में ऐसा पहली बार हुआ हे के फिसड्डी पढाई के प्रति लापरवाह बच्चों को लाभ देने के लियें अव्वल आकर अपनी प्रतिभा का निखार करने वाले छात्रों को निराश होना पढ़ा हे आप ही बताएं जनाब अगर कोई बच्चा नहीं पढ़ता हे तो इसमें पढने वाले बच्चे का क्या कुसूर हे उसकी खुशिया उसकी तरक्की उसका व्यक्तिगत आंकलन रोकने का सरकार को क्या हक हे किया इससे प्रतिभावान बच्चों के संवेधानिक अधिकारों का हनन नहीं होता हे अगर हां तो ब्लोगर दोस्तों इस मामले में प्लीज़ मिलकर बच्चों को उनका अधिकार दिलाने के लियें अलख जगाएं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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... बात में दम है !!
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