आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

20 मई 2010

राजस्थान में पुलिस सुधार नहीं

सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के बाद राजस्थान सरकार न वसुंधरा कार्यकाल में दबाव में राजस्थान पुलिस अधिनियम २००६ पारित तो कर दिया लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया हे हालात यह हें के वसुंधरा के बाद संवेदनशील सरकार का नारा देने वाले अशोक जी गहलोत मुख्यमंत्री बने लेकिन उसके बाद भी राजस्थान की निरंकुश पुलिस को नियंत्रित करने और उससे जनहित में काम करवाने के लियें पुलिस अधिनियम को लागू नहीं किया गया हे कुल मिला कर पुलिस अधिनियम को लागू करने की घोषणा ४ वर्ष बीतने के बाद भी राजस्थान इसे पूरी तरह लागू कर अधिनियम के आवश्यक प्रावधानों के तहत आयोग,समितियों का गठन नहीं किया गया हे आप देखिये सुप्रीम कोर्ट के डर से पुलिस अधिनियम की धारा ५ में महानगर की घोषणा करने का प्राव्हान हे धारा २० में पुलिस कर्तव्यों के उल्न्ग्घंन के लियें दंडात्मक प्रावधान हें जबकि धरा २१ में पुलिस अधिनियम में पुलिस आयोग का प्रावधान हे जिसमें ग्रहमंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे और सदस्य विपक्ष के नेता पुलिस महा निदेशक मुख्य सचिव और तिन गेर्स्र्कारी समाज सेवा से जुड़े सदस्य होंगे जो विधायक,सांसद,राजनितिक सन्गठन से जुड़े सदस्य नहीं होंगें और राजनितिक संगठनों के सदस्यों को नहीं बनानेकी पाबंदी की वजह से यह पद खाली पढ़े हें इसी तरह धारा २२ में आयोग के लियें चयन समिति के गठन का प्रावधान हे । उक्त आयोग राजस्थान के पुलिस के सभी कारनामों की जांच करने के लियें ज़िम्मेदार रहेगा जबकि धारा २८ में पुलिस स्थापना बोर्ड का प्रावधान हे जिसमें सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों से संबंधित कार्य करेंगे.अधिनियम की धारा २९ में पुलिस के कर्तव्य धारा ३० में पुलिस के सामजिक दायित्व धारा ४८ में ग्राम रक्षकों की नियुक्ति धारा ५६,५७ में पुलिस कल्याण के लियें निधि और कष्ट निवारण के प्रावधान हें जबकि धारा ६० में सडकों पर उत्पात मचाने वालों को सबक सिखाने का प्रावधान हे इसी तरह से धारा ६२ में राज्य स्तरीय पुलिस शिकायतों के कारण और निवारण के लियें राज्य स्तरीय पुलिस जवाबदेही के गठन का प्रावधान हे जबकि धारा ६६ में जिला पुलिस जवाबदेही समितियों के गठन का प्रावधान हे अब आप ही बताओ अगर यह समितियां और आयोग गठित हो जाए तो जनता के प्रति पुलिस की जवाबदेही खुद ब खुद हो जायेगी लेकिन सरकार हे के निजी स्वार्थों के चलते मानती ही नहीं और इस समिति गठी के लियें एक सदस्य मानवाधिकार आयोग भी कोई कदम नहीं उठा पा रहा हे देखते हें राजस्थान में पुलिस को कब तक निरंकुश रखा जाता हे लेकिन यह सच हे के अधिनियम की भावना के खिलाफ कई दागी अफसरों को विधि विरुद्ध फिल्ड पोस्टिंग दे रखी हे अब आप भी राजस्थान सरकार को मजबूर करें के वोह पुलिस अधिनियम लागू कर जनता को राहत दे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...