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19 मई 2010

राष्ट्रीय खेल हांकी और नोटों की मशीन के खेल क्रिकेट में फर्क

हमारे देश में बनाये गये राष्ट्रीय खेल हांकी और उसके खिलाड़ियों की कोई अहमियत नहीं रह गयी हे जबकि आई पी एल , बी सी सी आई सहित अन्य कम्पनियों के जरिये अरबों रूपये कमाने के लियें क्रिकेट मेच के खिलाड़ियों की अहमियत बधा दी गयी हे हाल ही में हमारी हांकी टीम देश का सर गर्व से उंचा कर जित कर आई हे लेकिन उस विजेता हांकी टीम को लेने या शाबाशी देने के लियें संघ का कोई अधिकारी नहीं था ठीक इसके खिलाफ क्रिकेट हारने के बाद जब देश के क्रिकेटरों का नाचते गाते पफ में झगड़ा हुआ तो उनको सरकार और समर्थकों ने सेफ किया अजीब बात हे देश का सर नीचा करने वाले क्रिकेटरों के टॉप मजे हें लेकिन देश का सर गर्व से ऊँचा करने वाले हांकी खिलाड़ी अपनी उपेक्षा पर आंसू बहा रहे हे यह उनके और देश के साथ भुत ना इंसाफी हे गब्बर। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. देश का सर गर्व से ऊँचा करने वाले हांकी खिलाड़ी अपनी उपेक्षा पर आंसू बहा रहे हे -----satya vachan.

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