आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 अप्रैल 2010

मोट ही जिंदगी हे

जीने वालों ,ज़रा इस सच को भी समझो, जिंदगी तुम्हारी कुछ भी नहीं , मोत ही तुम्हारी जिंदगी हे , यूँ हंसना यूँ बोलना यूँ इठलाना कोई ख़ुशी की बात नही यह तो कुछ दिनन में आणि जानी हे लेकिन एक सुच हे के मोत हर इंसान को आना हे और वहीं से आखेरत यानी नयी जिंदगी की शरुआत हे यानी आपकी अच्छाई नेकी जो भी होगी उसका पुरस्कार उस वक्त मिलेगा नहीं तो बीएस तिरस्कार ही तिरस्कार हे अब बताओ जो जीना हे उसको हम केसे आखेरत की जिंदगी को सुधारेंगे। भुत कठिन डगर हे लेकिन चलना तो पढ़ेगा ही । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...