तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 मार्च 2010
मुस्लिम आरक्षण
दोस्तों अगर आप कोंग्रेसी हें तो क्रप्या इए न पड़ें अगर राष्ट्रभक्त कोंग्रेसी हो तो इसे समझें आप जानते हैं १९५०,१९५१ में आरक्षण व्यवस्था अज्जद भारत में लागू की गयी केलकर समिति की रिपोर्ट थी के मांस व्यसायी ,कपडा बुनकर ,कपडे धोने रंगने वाले और काफी दस्तकार पिछड़े हें उन्हें आरक्षण दो कोंग्रेस के जवाहर लाल नेहरु नें मांस व्यसायियों में से खातिकों को आरक्षण दिया मुस्लिम कसाई जो भी मांस को व्यवसाय करते थे उन्हें आरक्षण नहीं दिया इसी तरह कपडे बुनने वाल कोलियों को तो आरक्षण दिया लेकिन जुलाहों को वंचित रखा धोबियों में भी यही किया १९५०.१९५१ के अध्यादेश में ख़ास तोर पर लिखा गया के केवल हिन्दू जातियों के लियें आरक्षण होगा ज़रा सोचो अगर धर्मनिरपेक्ष सविंधान में धर्म के नाम पे पक्षपात ना होता तो आज हमारे एम् एल ऐ ,एम् पी । पञ्च, सरपंच, महापौर , प्रधान प्रमुख होते हमें लोन मिलते और आज हम ऐसे बेचारे nahin hote batao doshi kon he haalaat yh hain ke abhi tak bhul nahin sudhari hai
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