नेत्रदान संकल्पित वैज्ञानिक,का संपन्न हुआ नेत्रदान
2. अल सुबह कोटा से आई टीम ने रावतभाटा में लिया पांचवा नेत्रदान
रावतभाटा में सेवा कार्यों की प्रतिमूर्ति,बालिका शिक्षा को हमेशा बढ़ावा देने वाले, समाजसेवी व सेवानिवृत्त इंजीनियरिंग वैज्ञानिक,बालाजी नगर,रावतभाटा निवासी दिलीप भाटिया का शुक्रवार देर रात आकस्मिक निधन हो गया । हमेशा जरूरतमंद लोगों के लिए सेवा करने को तैयार खड़े रहने वाले दिलीप 59 बार अपना रक्तदान भी कर चुके हैं । उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए उन्हें पूर्व राष्ट्रपति माननीय स्व० श्री एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
वर्ष 2007 में नेत्रदान के कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने अपना नेत्रदान संकल्प पत्र भी भर दिया था और बेटी मिली भाटिया व करीबी मित्रों को अपने इस नेत्रदान संकल्प के बारे में भी बता दिया था ।
जैसे ही दिलीप का निधन हुआ,बेटी मिली ने देर रात 3:00 बजे संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोगी दिलीप वाधवा को संपर्क कर पिताजी के नेत्रदान करवाने की इच्छा जताई । सूचना मिलते ही और दिवंगत के अंतिम इच्छा "नेत्रदान" को पूरा करने के उद्देश्य से डॉ कुलवंत गौड़ कोटा से नेत्र संकलन वाहिनी ज्योति- रथ को स्वयं चला कर, अलसुबह रावतभाटा स्थित निवास स्थान पर पहुंचे।
कोटा से निकलने से पहले 1 घंटे तक,डॉ गौड़ ने कई सारे ड्राइवरन को फोन किये पर, उनमें से कुछ शादी में व्यस्त थे और कुछ कुंभ मेले में गए हुए थे, जब कोई नहीं मिला तो फिर, स्वयं ही गाड़ी चलाकर एक घंटे में रावतभाटा पहुंचे ।
बेटी मिली और दामाद आनंद यादव ने नेत्रदान की प्रक्रिया को काफी करीब से देखा समझा और संबंधित भ्रांतियों को दूर किया । डॉ गौड़ ने बताया कि यह, रावतभाटा का पांचवा नेत्रदान है, अभी 10 दिन पहले ही प्रताप नगर,रावतभाटा निवासी जगदीश चंद्र गुप्ता का नेत्रदान भी संस्था के माध्यम से संपन्न हुआ था ।
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