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09 अक्तूबर 2024

तो जो लोग उनके सिवा और के ख़ास्तगार हों तो यही लोग हद से बढ़ जाने वाले हैं

 तो जो लोग उनके सिवा और के ख़ास्तगार हों तो यही लोग हद से बढ़ जाने वाले हैं (31)
और जो लोग अपनी अमानतों और अहदों का लेहाज़ रखते हैं (32)
और जो लोग अपनी शहादतों पर क़ायम रहते हैं (33)
और जो लोग अपनी नमाज़ो का ख़्याल रखते हैं (34)
यही लोग बेहिश्त के बाग़ों में इज़्ज़त से रहेंगे (35)
तो (ऐ रसूल) काफ़िरों को क्या हो गया है (36)
कि तुम्हारे पास गिरोह गिरोह दाहिने से बाएँ से दौड़े चले आ रहे हैं (37)
क्या इनमें से हर शख़्स इस का मुतमइनी है कि चैन के बाग़ (बेहिश्त) में दाखि़ल होगा (38)
हरगिज़ नहीं हमने उनको जिस (गन्दी) चीज़ से पैदा किया ये लोग जानते हैं (39)
तो मैं मशरिकों और मग़रिबों के परवरदिगार की क़सम खाता हूँ कि हम ज़रूर इस बात की कु़दरत रखते हैं (40)

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